लोगों की राय

अमर चित्र कथा हिन्दी >> पुरुषोत्तम देव और पद्मावती

पुरुषोत्तम देव और पद्मावती

अनन्त पई

प्रकाशक : इंडिया बुक हाउस प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :32
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2063
आईएसबीएन :1234567890123

Like this Hindi book 0

पुरुषोत्तम देव और पद्मावती

हमारे कथानायक पुरुषोत्तम देव पुरी के प्रसिद्ध देवता श्री जगन्नाथ जी के अनन्य भक्त थे।

इतिहासकारों के अनुसार पुरी का 190 फीट ऊंचा जगन्नाथ मंदिर कलिंग के गंग राजाओं द्वारा बारहवीं शताब्दी में निर्मित हआ था। मंदिर की दीवारों और स्तंभों का शिल्प बहुत उच्च कोटि का है। प्रतिवर्ष जून में करीब दो लाख भक्त जगन्नाथ पुरी के प्रसिद्ध रथ यात्रा उत्सव में शामिल होने आते हैं। उस दिन सोलह पहियों वाले लकड़ी के तीन विशाल रथों में जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा की मूर्तियाँ मील भर दूर गुनीचा के मंदिर में ले जायी जाती है। भक्तों का विश्वास है कि भगवान कृष्ण के अवशेष जगन्नाथ जी की मूर्ति में रखे हैं।

इस कथा में राजकुमार पुरुषोत्तम देव का कांची की सुंदर राजकुमारी-पद्मावती के प्रति प्रेम चित्रित है। अनेक संघर्षों से गुजरने के बाद प्रसिद्ध रथयात्रा उत्सव के दिन ही दोनों का सुखद मिलन हुआ था।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai